मेरे लिए राजनीति का अर्थ सिर्फ आप सब की सेवा है:- नीतीश प्रभाकर चौधरी

मेरे लिए राजनीति का अर्थ सिर्फ आप सब की सेवा है:- नीतीश प्रभाकर चौधरी

मेरे लिए राजनीति का अर्थ सिर्फ आप सब की सेवा है नीतीश प्रभाकर चौधरी

दरभंगा : मै अपने आप को अलीनगर का नेता नही बेटा मानता हूँ। मेरे लिए राजनीति, अपने समाज के लोगों के लिए सेवा करने का एक अवसर है। इसे मै अपने लिए सामाजिक दायित्व मानता हूँ। अब अगर किसी को इसमें राजनीति दिखाई देता है तो ये उनका नजरिया है।
मेरे लिए बिधान सभा क्षेत्र के लोग मेरे परिवार के सदस्य के समान है, इनके दु:ख सुख मेरा परिवारिक दु:ख सुख है। मै अलीनगर मे नेता नहीं, बेटा बनकर सेवा कर रहा हूँ और करता रहुंगा। ये कहना है अलीनगर के भावी उम्मीदवार नीतीश प्रभाकर चौधरी का, जिनके लिए राजनीति का मतलब समाज के लोगो के लिए सेवा का एक अवसर है, जिसे वो पूरे मनोयोग से करते आ रहे है। जो मानते है कि राजनीति से बहुत अलग और हट कर जो कार्य है वो समाजसेवा है। यही कारण है कि चाहे बाढ़ हो या आगजनी या अन्य आपदा-विपदा नीतीश प्रभाकर चौधरी हर अवसर पर बढ़ चढ़ कर पीड़ितों के सहायतार्थ पहुंच जाते है। इनकी इसी सेवा कार्यो की वजह से क्षेत्र मे हर वर्ग हर जाति के लोगों मे इनकी लोकप्रियता काफी मजबूत है। क्षेत्र के लोग इनको एक राजनेता से अधिक एक समाजसेवी के तौर पर जानते है। जो हर आपदा-विपदा मे क्षेत्र के लोगों लिए समर्पित भाव से सेवा मे लगे रहते है । चाहे ग्रामीण क्षेत्र के किसी जर्जर सड़क की मरम्मत की बात हो, या किसी गांव मे किसी मंदिर का जीर्णोद्धार वा नव निर्माण हर मामले मे ये बढ़कर अपने स्तर पर काम करते आ रहे है। नीतीश प्रभाकर बताते है कि समाजसेवा उनको विरासत मे मिला हुआ है, जो बहुत पूर्व से चला आ रहा है।
बता दे कि वर्ष 2024 मे घनश्यामपुर प्रखंड के भभूआ मे कोशी तटबंध टुटने से कुम्हरौल , कनकी, मुशहरी, बौर, आस्मां, दोहता जैसे गाँवों मे जल प्रलय के स्थिति बन गई थी, इसमें हजारों लोग प्रभावित हुए थे। चारो ओर बाढ़ का पानी से घिरे प्रभावित क्षेत्र मे लोग त्राहिमाम कर रहे थे। उस समय नीतीश प्रभाकर चौधरी एक देवदूत बन पीड़ित लोगों के लिए पहुंचे। महिनों तक बाढ़ पीड़ितों के लिए शिविर लगा कर भोजन पानी का व्यवस्था कर अपने मानवीयता का परिचय दिया था। उसी तरह वर्ष 2019 मे दरभंगा मधुबनी सीमा के नरुआर-भुऔल मे कमला नदी के तटबंध टुट जाने से वहां जन-जीवन ठहर सी गई थी । नीतीश प्रभाकर ने तत्काल राहत शिविर लगा कर लोगों को राशन और आर्थिक मदद पंहुचाया। वर्ष 2013 मे भंयकर अगलगी मे गोई मिश्र लगमा के पासवान टोली मे करीब पच्चीस परिवार के चालीस से अधिक घर जल गया, लाखों के संपत्ति अन्न, कपड़ा आदि जल कर राख बन गया। लोग बेघर, बे आसारा हो गये थे। तब भी देवदूत बनकर नीतीश प्रभाकर चौधरी पीड़ितों के लिए लिए सामने आये। पीड़ित परिवार के लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराया। पिछले दिनों अलीनगर के हनुमान नगर लालीपुर मुशहरी टोल के लोगों ने बताया की यहाँ तीन सौ महादलित परिवार है, लेकिन एक सार्वजनिक दलान तक नहीं है। कोई विवाह हो या अन्य आयोजन लोगों को इससे बहुत समस्या होती है। नीतीश प्रभाकर उनकी जरूरी आवश्यकता को समझते हुए, वहां अपने दिवंगत पिता और पूर्व विधायक (मनीगाछी) प्रभाकर चौधरी के नाम पर एक सार्वजनिक दलान बनाकर देने का आश्वासन के साथ ही तत्परता से उसे पूरा करने के लिए अपने सहयोगीयों को निर्देश दिया।
इस तरह के अन्य-अनेको अवसर पर वो क्षेत्र के लोगों के लिए हर संभव मदद के लिए तत्परता से खड़े रहते है। चाहे किसी गरीब की बेटी शादी हो, किसी के मां-बाप का श्राद्ध हो या अन्य आवश्यकता, नीतीश प्रभाकर के घर का दरवाजा हर जरूरतमंद के लिए सदैव खुला रहता है। जहां कोई भी नि: संकोच आकर अपना दु:ख दर्द व्यक्त करता है और उसे यथायोग्य, हर संभव सहयोग मिलता है। इसी सेवा भाव और उदात व्यवहार के कारण क्षेत्र मे हर वर्ग और जाति, धर्म, समाज मे इनको लोकप्रियता प्रदान करता है । जिसके आगे पीछे कोई जनप्रतिनिधि नही ठहरते है।

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