डोर स्टेप डेलिवरी की टेंडरिंग प्रक्रिया पर आरजेडी नेता ने उठाए सवाल, कहा नहीं छीनने देंगे गरीबों का निवाला

डोर स्टेप डेलिवरी की टेंडरिंग प्रक्रिया पर आरजेडी नेता ने उठाए सवाल, कहा नहीं छीनने देंगे गरीबों का निवाला

डोर स्टेप डेलिवरी की टेंडरिंग प्रक्रिया पर आरजेडी नेता ने उठाए सवाल, कहा नहीं छीनने देंगे गरीबों का निवाला

चहेते लोगों का रास्ता सुलभ करने का अधिकारी कर रहे प्रयास

संजय मिश्र
दरभंगा

आरजेडी के दरभंगा जिला अध्यक्ष उदय शंकर यादव ने डोर स्टेप डेलिवरी की टेंडरिंग प्रक्रिया को लेकर गुरुवार को पंडासराय में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया। इस दौरान उन्होंने इसमें अनियमितता बरते जाने के आरोप लगाए। पारदर्शिता का खयाल नहीं रखने और लेवल प्लेइंग फील्ड उपलब्ध नहीं कराने को लेकर जम कर बरसे। आरजेडी नेता ने अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े किए और आशंका जताई कि गरीबों का निवाला छीनने की साजिश हो रही है। उदय शंकर यादव ने हुंकार भरी कि आरजेडी के रहते यह सब नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि पुर्व में अनाज की हेरा फेरी करने वाले तत्वों के साथ मुलायम हुआ जा रहा है। जिलाध्यक्ष ने टेंडर संख्या 1305 के मामले में टेंडरिंग प्रक्रिया में अपनाई गई ढील और लचर रवैया को तफ्सील से बताया। उम्मीद व्यक्त की कि अभी के टेंडरिंग को रद्द कर फिर से टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की जाए। त्रुटियों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट पॉलिसी 2023 लागू है लेकिन उसमें वर्ष 2018 की पॉलिसी को टैग किया गया है। रेट कोट यानि फाइनेंशियल बिड में खगड़िया जिला का नाम है तो दरभंगा जिला के टेंडर करने वालों में भ्रम की स्थिति निर्मित हुई। नोट शीट में लिखा हुआ है कि इस टेंडर में छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। ताकि नए लोग टेंडर बिड नहीं भर सकें।

चार जनवरी 2025 को टेंडर खुला और 25 जनवरी को टेंडर ड्रॉप किया गया। आरजेडी नेता ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया 5 बजे शाम तक खुला रखना था लेकिन आनन फानन में 2 बजे ही प्रक्रिया समाप्ति की घोषणा कर दी गई। टेंडर कमिटी की बैठक नहीं हुई।

तकनीकी बातों के बीच उन्होंने आरोप लगाया कि प्री बिड बैठक 11 जनवरी को निर्धारित था लेकिन सीएम के दरभंगा दौरे के कारण टल गया। शुद्धि पत्र नहीं डाला गया। समय बढ़ाना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उदय शंकर ने दावा किया कि डीडीसी का वाहन चालक अनियमितता का वाहक बना। आरजेडी नेता का इशारा डीडीसी की किसी स्तर की संलिप्तता की तरफ है। नेता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जीएम एसएफसी का अचानक तबादला हेरा फेरी की कामना रखने वाले तत्वों का कारनामा हो सकता है।

उधर डीडीसी चित्रगुप्त कुमार ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। डीडीसी ने कहा कि वे तो सिर्फ एक सदस्य होते हैं ट्रांसपोर्ट कमिटी के। कमिटी की अध्यक्षता डीएम करते हैं। मेरा इन बातों से कोई लेना देना नहीं है।

दिलचस्प है कि ट्रांसपोर्टर – अधिकारी जुगलबंदी पर बरसने वाले उदय शंकर यादव डोर स्टेप डेलिवरी के पूर्व संवेदक रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीडीसी ने संवेदकों को अंतिम तिथि की बात ससमय नहीं बताई जिस कारण लोग अपना ऑनलाइन आवेदन जमा नहीं कर सके।लोगों को कागज बनाने के लिए कम से कम 15 20 दिन का समय लगता है मगर प्रशासन के द्वारा आनन फानन में टेंडर निकाल दिया गया जिससे वे लोग कागज नहीं बन पाए और टेंडर में भाग नहीं लिए। गौरतलब है कि एक संवेदक ने डीडीसी को आवेदन देकर टेंडर कैंसिल करने का आग्रह किया है।

उन्होंने याद दिलाया कि इससे पूर्व में कुशेश्वरस्थान, बेनीपुर अलीनगर एवं घनश्यामपुर के एसएफसी गोदाम से 50000 क्विंटल अनाज गवन हुआ था। ऐसे तत्व से सचेत रहना है। जरूरत पड़ी तो सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगे।

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