प्रखर वाम मार्गी सहमत नहीं हैं उत्सवी प्रगति यात्रा से, निकाला प्रतिरोध मार्च
खूब छकाया पुलिस प्रशासन को, हुए गिरफ्तार
संजय मिश्र
दरभंगा
दरभंगा ने शनिवार को सीएम नीतीश के अभूतपूर्व रंगों वाली प्रगति यात्रा को देखा। स्वागत की भव्यता की ओट में प्रगति से अधिक उत्सवी माहौल की चर्चा पसर गई। प्रखर वाम मार्गी संगठनों ने नागरिकों के मन के उस नब्ज को टटोला जो लोक हित के मुद्दों के निराकरण को खोजते नजर आए। सीपीआई एमएल (लिबरेशन) से जुड़े विभिन्न संगठन इलाके की मूल समस्याओं और मौजूदा चुनौतियों को छूने खातिर सड़कों पर उतर आए।
ताना मारा कि नीतीश कुमार के 20 वर्षो के राज में बंद मिलों, बाढ़ और सुखाड़ के निदान में विफल रही है प्रदेश की सरकार। नेताओं और वर्कर्स ने 11 जनवरी 2025 को मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के मौके पर दरभंगा आगमन के विरोध में लहेरियासराय स्टेशन से विरोध जुलूस निकाला।
विरोध जुलूस का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सह सचिव सह भाकपा (माले ) के राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, मकसूद आलम उर्फ पप्पू खां, ऐपवा की जिला सचिव शनिचरी देवी, रानी सिंह, एक्टू जिला सचिव उमेश प्रसाद साह, रसोईया संघ के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पासवान, खेग्रामस के हरि पासवान, जमालुद्दीन, देवेंद्र कुमार साह, रामविलास मंडल, एमएल नेता विनोद सिंह, किसान महासभा के प्रवीण यादव, शिवन यादव, जिला परिषद सदस्य सुमित्रा देवी की अगुवाई में हुआ।
परिंदा पर नहीं मार सकता के मनोभाव में डूबी दरभंगा पुलिस सैकड़ों लोगों को सामने देख सकते में आ गई। तादाद बता रही थी कि गुरिल्ला तरीकों से वे अचानक समाहरणालय पहुंच गए थे। प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड से रोकने के तमाम प्रयास किए गए। प्रदर्शनकारियों के समाहरणालय पहुँचने की खबर सुनते ही सदर एसडीओ, सदर व बिरौल एसडीपीओ और लहेरियासराय थानाध्यक्ष पहुँच गए। पुलिस की प्रदर्शनकारियों से झड़प शुरू हो गई। प्रदर्शनकारी सीएम से मिलने की मांग पर अड़े रहे। उसके बाद लहेरियासराय थाना ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शनकारियों ने 7 सूत्री मांग पत्र सौपा। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि प्रगति यात्रा में जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रूपये फूंक दिए गए। जबकि स्कीम वर्करों को सम्मानजनक मानदेय देने से सरकार भाग रही है। मुख्य मंत्री प्रगति यात्रा में आए हैं लेकिन जनता के सवालों से भाग रहें हैं। मार्च निकाल कर उन सवालों को सरकार के समक्ष रखा गया है। प्रगति यात्रा को ढोंग बताया गया। महिलाओं के सभी कर्ज माफ करने की मांग की गई। पूछा गया कि सरकारी धान खरीद शुरू क्यों नहीं की गई है।
प्रदर्शन में अशोक पासवान, रंजन प्रसाद सिंह, धनंजय साह, तेजू पासवान, अमर राम, कृष्णदेव मांझी, परमेश्वर पासवान, हरिश्चंद्र पासवान, डोमू राम, ब्रह्मदेव यादव आदि शामिल थे।