अनंत अंबानी की शादी में लगा देश विदेश के हजारों वीआईपी का जमावड़ा,पीएम मोदी सहित बड़े राजनेता पहुंचे आशीर्वाद देने

अनंत अंबानी की शादी में लगा देश विदेश के हजारों वीआईपी का जमावड़ा,पीएम मोदी सहित बड़े राजनेता पहुंचे आशीर्वाद देने

मुकेश अंबानी को बात बेबात कोसने वाले विपक्षी नेता गए हाजिरी लगाने

ब्यूरो रिपोर्ट

दुनिया के बड़े उद्योगपतियों में शुमार मुकेश अंबानी के बेटे अनंत की राधिका से शादी धूमधाम से हुई। मुंबई में हुए इस शुभ समारोह में देश विदेश के हजारों मेहमान ने शिरकत की। बड़े साधु संत के अलावा नामचीन राजनीतिक हस्तियां नव दंपत्ति को आशीर्वाद देने पहुंचे। पीएम मोदी सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता अनंत अंबानी की वेडिंग सेरेमनी में नजर आए।

विवाह में शामिल होने वाले देश के शीर्ष विपक्षी नेताओं में टीएमसी पार्टी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शामिल थे। शिवसेना (यूबीटी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी-(शरद पवार) पार्टी की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले भी विवाह में मौजूद रहीं।

केंद्र में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस से अनंत राधिका की शादी में शामिल होने वाले नेताओं की लंबी लिस्ट है। कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, आनंद शर्मा, अजय माकन, सलमान खुर्शीद, अभिषेक मनु सिंघवी और राजीव शुक्ला सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता समारोह में मौजूद रहे।

अंबानी के दरबार में विपक्षी …

तो अब अंबानी से किसी को कोई परहेज नहीं। जिलेटिन लगवाने के वाकए से लेकर हाल के वर्षों तक का विपक्ष का सियासी सफर चौंकाता है। क्या माना जाए कि अंबानी पर अब कोई राजनीतिक लांक्षण नहीं लगाया जायेगा। विवाह के लग्न के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विपक्ष के नेता ठुमक ठुमक कर अपनी हाजिरी लगाते दिखे। जानकार ही बता सकते कि ऐसे कार्यक्रमों में कोई डील होती है! अंदर की जानकारी रखने वाले बता सकते हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड में अंबानी से कांग्रेस और उसके गठबंधन नेताओं को कितना हाथ लगा था। या फिर सोरोस की माया से ही काम चल गया था।

चुनाव के समय जब अंबानी का जुमला फेंका जाता है तब जनता को ऐसे कार्यक्रमों को याद करना चाहिए। सवाल ये भी उठता है कि कोर्ट ने सजायाफ्ता लालू को मेडिकल ग्राउंड पर जेल से बाहर इलाज की छूट दी थी। चुनावी सक्रियता और इन गतिविधियों के लिए नहीं। क्या जेल, जज और चुनाव आयोग ऐसी गतिविधियों को जानबूझ कर भूल जाते हैं?

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